केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को उद्धव ठाकरे का प्रस्ताव- ‘BJP छोड़ MVA से लड़ें चुनाव’
मुंबई
महाराष्ट्र की राजनीति से बड़ी खबर सामने आई है. उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को खुला ऑफर दे दिया है. उन्होंने उनसे बीजेपी छोड़कर MVA में आने और चुनाव लड़ने के लिए न्योता दिया है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि, 'दिल्ली के सामने मत झुकिए. उनके इस ऑफर पर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस ऑफर पर रिएक्शन देते हुए कहा है कि, नितिन गडकरी हमारे बड़े नेता हैं. उद्धव की पार्टी सिर्फ बैंड बाजा वाली है.
क्या बोले शिवसेना चीफ (UBT)?
शिवसेना चीफ, उद्धव ठाकरे (UBT) ने शुक्रवार को कहा कि, 'बीजेपी की लिस्ट सामने आ गई है. अनेक नाम सामने हैं. जिन कृपाशंकर सिंह पर बीजेपी ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था उनका नाम भी पीएम मोदी के साथ लिस्ट में है, लेकिन नितिन गडकरी जिन्होंने इतने सालों तक महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए आधार तैयार करने का काम किया. उनका नाम वहां नहीं है. ठाकरे ने कहा कि, 'गडकरी जी बीजेपी छोड़ दीजिए. हम आपको MVA से चुनाव जीतवाकर लाएंगे. गडकरी जी उनको दिखाओ कि महाराष्ट्र क्या है. महाराष्ट्र कभी दिल्ली के आगे नहीं झुका है.'
देवेंद्र फडणवीस ने दी प्रतिक्रिया
वहीं, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि, उद्धव ठाकरे की पार्टी केवल बैंड बाजा के साथ बची है. वह गडकरी जैसे हमारे राष्ट्रीय नेता को सीट की पेशकश कर रहे हैं . यह वैसा ही है जैसे कोई गली के व्यक्ति को अमेरिकी राष्ट्रपति बनाने के लिए पेशकश करता है. महाराष्ट्र की सीट अभी अनाउंस नहीं की गई है, क्योंकि COALITION PARTIES में मंथन चल रहा है, जब महाराष्ट्र के लोकसभा उम्मीदवारों की चर्चा होगी तो सबसे पहला नाम नीतीन गडकरी का होगा.'
उद्धव ठाकरे ने नितिन गडकरी के साथ अपने पिछले सहयोग को याद किया, विशेष रूप से मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे को पूरा करने में उनके प्रयासों के लिए, जो कि उद्धव के पिता और शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे द्वारा शुरू की गई परियोजना थी।
उनकी टिप्पणी तब आई जब भाजपा ने अभी तक महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।
भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए, उद्धव ठाकरे ने कहा, "विपक्षी दलों को खत्म करने की राजनीति नहीं चलेगी। 'जुमला' (फर्जी वादे) का नाम बदलकर 'गारंटी' कर दिया जाना चाहिए।"
इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने वित्तीय कदाचार के आरोपों का सामना करने वाले भाजपा नेता कृपाशंकर सिंह को शामिल करने की आलोचना करते हुए कहा कि इससे नेताओं पर मुकदमा चलाने के महाराष्ट्र सरकार के दावों का पर्दाफाश हो गया है।