उज्जैन : हरसिद्धि मंदिर में 9 दिन नहीं होगी शयन आरती, गर्भगृह में बंद रहेगा प्रवेश

उज्जैन
 देवी आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र 3 अक्टूबर से शुरू होगा। शहर के देवी मंदिरों में महापर्व को लेकर तैयारी लगभग पूरी हो गई है। शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर में नवरात्र के नौ दिन गर्भगृह में दर्शनार्थियों का प्रवेश बंद रहेगा। गढ़कालिका, हरसिद्धि व भूखी माता मंदिर में नवरात्र के नौ दिन भक्तों के सहयोग से दीपमालिका प्रज्वलित की जाएगी।

शक्तिपीठ हरसिद्ध मंदिर

शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर में 3 अक्टूबर की सुबह घटस्थापना के साथ नवरात्र का शुभारंभ होगा। इसके बाद नौ दिन तक माता का नितनया शृंगार किया जाएगा। मंदिर की परंपरा अनुसार नवरात्र के नौ दिन शयन आरती नहीं होगी। रात्रि में विशेष अभिषेक व पूजन किया जाएगा। सुबह 7 व शाम को 7 बजे आरती होगी। नवरात्र में प्रतिदिन शाम को 7 बजे भक्तों के सहयोग से दीपमालिका प्रज्वलित की जाएगी।

मंदिर प्रशासक तहसीलदार राधेश्याम पाटीदार ने बताया नवरात्र में सामूहिक दीपमालिका प्रज्वलित की जाएगी। कोई भी भक्त 3100 रुपये की शासकीय रसीद कटवाकर दीपमालिका प्रज्वलित करा सकते हैं। महापर्व पर मंदिर में आकर्षक विद्युत सज्जा होगी। भक्तों के लिए पेयजल, मेटिन, जूता स्टैंड का इंतजाम किया गया है।
सिद्धपीठ गढ़कालिका

भक्त कराएंगे कुमकुम पूजा सिद्धपीठ गढ़कालिका माता मंदिर में शारदीय नवरात्र को लेकर भव्य तैयारी की जा रही है। मंदिर में साफ सफाई व रंगरोगन का काम अंतिम दौर में है। साथ ही आकर्षक विद्युत सज्जा की जा रही है। मंदिर प्रशासक मूलचंद जाटवा ने गढ़कालिका माता मंदिर में आरती का विशेष महत्व है। नवरात्र के नौ दिन आरती का विशेष क्रम रहता है।
सुबह की आरती दिन में दोपहर 12 बजे तथा संध्या आरती शाम को 6.15 बजे होगी। नवरात्र के नौ दिन भक्त माता गढ़कालिका की कुमकुम पूजा भी करा सकते हैं। इसके लिए 250 रुपये की शासकीय रसीद कटवाना अनिवार्य है। नवरात्र में प्रतिदिन संध्या आरती में दीपमालिका भी प्रज्वलित की जाती है। दीपमालिका प्रज्वलित कराने का 3100 रुपये शुल्क निर्धारित है। नवरात्र में भक्तों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।

दीपमालिका प्रज्वलित करा सकेंगे भक्त शहर के बाहरी क्षेत्र में शिप्रा के तट पर स्थित भूखी माता मंदिर में नवरात्र को लेकर विशेष तैयारी की जा रही है। पुजारी हेमंत चौहान ने बताया नगर निगम द्वारा मंदिर के आसपास साफ सफाई व विद्युत व्यवस्था के इंतजाम किए गए हैं। मंदिर में साफ सफाई व रंगरोगन का काम पूरा हो गया है।

अश्विन शुक्ल प्रतिपदा पर 3 अक्टूबर को सुबह घट स्थापना होगी। प्रतिदिन सुबह 8 बजे तथा शाम 7.30 बजे आरती की जाएगी। नवरात्र के नौ दिन संध्या आरती के समय दीपमालिका प्रज्वलित की जाती है। अभी दीपमालिका की बुकिंग चल रही है। कोई भी भक्त 5100 रुपये में दीपमालिका प्रज्वलित कराने के लिए बुकिंग करा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button