अनोखा प्रोटेस्ट : मंदिर की सीढ़ियों पर लगाई उदयनिधि की फोटो, पैर रखकर जा रहे भक्त

 इंदौर.

सनातन धर्म पर विवादित बयान देने वाले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन का जमकर विरोध हो रहा है. उदयनिधि के खिलाफ दिल्ली-यूपी, मुंबई के बाद अब मध्य प्रदेश में अनोखा प्रोटेस्ट हुआ है. यहां लोगों ने मंदिर की सीढ़ियों पर उदयनिधि की फोटो लगाई है, जिस पर भक्त पैर रखकर आते-जाते हैं.

बता दें कि पिछले दिनों सनातन धर्म को लेकर उदयनिधि स्टालिन ने विवादित टिप्पणी की थी, जिसके चलते उनका पूरे देश में विरोध शुरू हो गया. इसी कड़ी में इंदौर में हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ अनूठे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया है.

हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने अपने क्षेत्र में मौजूद एक मंदिर की सीढ़ी पर उदयनिधि स्टालिन की तस्वीर लगा दी. अब यहां जो भी भक्त भगवान के दर्शन करने के लिए मंदिर में आ रहे हैं, पहले उदयनिधि की फोटो पर पैर रखकर पैर साफ कर रहे हैं, उसके बाद मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं. बता दें कि प्रसिद्ध कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने सनातन धर्म पर इस तरह की टिप्पणी करने वालों को डेंगू और मलेरिया कहकर संबोधित किया है.

हिंदू जागरण मंच के जिला संयोजक ने क्या कहा?

हिंदू जागरण मंच इंदौर के जिला संयोजक कन्नू मिश्रा ने कहा कि हमारी भावनाओं को चोट पहुंचाई है, इसलिए मंत्री के बेटे का फोटो हमने मंदिर की सीढ़ियों पर लगाया है. हम उसका विरोध कर रहे हैं, आगे भी आंदोलन करेंगे. उदयनिधि स्टालिन ने जिस तरह से सनातन को लेकर टिप्पणी की है, उसके चलते उनका अलग तरह से विरोध किया जा रहा है. आगे भी इसी तरह अलग-अलग जगह पर विरोध होगा.

क्या था पूरा मामला, उदयनिधि ने अपने बयान में क्या कहा था?

दरअसल, उदयनिधि ने अपने बयान में सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की थी. उदयनिधि ने कहा था कि सनातन का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसे समाप्त ही कर देना चाहिए. एजेंसी के मुताबिक, उदयनिधि ने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में दिए बयान में कहा था कि 'सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है. कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए. हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते. हमें इसे मिटाना है. इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है.'

तमिलनाडु की सत्ता पर काबिज DMK सरकार में युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि 'सनातन नाम संस्कृत का है. यह सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है.' उदयनिधि के बयान पर BJP आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा था कि उदयनिधि स्टालिन ने देश की 80 फीसदी आबादी के नरसंहार का आह्वान किया है.

अमित मालवीय की सोशल मीडिया पोस्ट के बाद उदयनिधि स्टालिन ने उन्हें जवाब देते हुए कहा था कि उन्होंने कभी भी सनातन धर्म को मानने वाले अनुयायियों के नरसंहार का आह्वान नहीं किया. हालांकि, उदयनिधि अपने बयान पर कायम रहे. उन्होंने दोबारा जोर देकर कहा कि 'मैं हाशिये पर पड़े समुदायों की तरफ से बोल रहा हूं, जो सनातन धर्म के कारण पीड़ित हैं.'

DMK नेता उदयनिधि ने कहा आगे कहा था कि 'मैं अपनी टिप्पणी के संबंध में किसी भी कानूनी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हूं. डीएमके सरकार एमके स्टालिन के नेतृत्व में सामाजिक न्याय को बनाए रखने और समतावादी समाज की स्थापना करने के लिए संघर्ष करती रहेगी. इस तरह की भगवा धमकियों से डरेंगे नहीं. हम, पेरियार, अन्ना और कलैगनार (करुणानिधि) के अनुयायी हैं और सामाजिक न्याय को बनाए रखने के लिए हमेशा लड़ते रहेंगे.'

 

 

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