अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट पर लगाए प्रतिबंध
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वॉशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय आपराध न्यायालय (ICC) पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। ICC की ओर से गाजा में इजरायल के युद्ध अपराध की जांच के चलते अमेरिका ने ये कार्रवाई की है। अमेरिका के प्रमुख सहयोगी इजरायल पर गाजा में नरसंहार के गंभीर आरोप लगे हैं। ICC ने बीते साल इजरायली नेताओं के गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। ट्रंप ने ICC की कार्रवाई को खतरनाक मिसाल बताते हुए बैन का ऐलान किया है। इन प्रतिबंधों में ICC अधिकारियों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक शामिल है।
एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में हमलों के बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ ICC के गिरफ्तारी वारंट जारी करने के चलते यह कदम उठाया गया है। ट्रंप प्रशासन अमेरिका और सहयोगी देशों की ICC जांच का विरोध कर रहा है। उन्होंने इन जांचों को गलत और राजनीति से प्रेरित बताया है। हालांकि अमेरिका और इजरायल ICC के सदस्य नहीं हैं और दोनों ही देश इसके ऑर्डर नहीं मानते।
ट्रंप पर हमलावर रहे हैं ट्रंप
ICC को दूसरी बार अमेरिकी प्रतिशोध का सामना करना पड़ा है। साल 2020 में ट्रंप प्रशासन ने तत्कालीन अभियोजक फातौ बेन्सौडा और एक शीर्ष सहयोगी पर प्रतिबंध लगाए थे। ये प्रतिबंध अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों के युद्ध अपराधों की ICC की जांच की प्रतिक्रिया में लगाए गए थे। ICC को अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा है। इससे अदालत के कामकाज पर असर पड़ा है।
ICC अध्यक्ष ने कुछ समय पहले चिंता जताई थी कि अमेरिकी प्रतिबंध न्यायालय के कामकाज को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से न्यायालय की स्वतंत्रता की रक्षा करने का आह्वान किया है। ICC 125 सदस्य देशों वाला ICC एक स्थायी न्यायालय है। यह युद्ध अपराधों, मानवता के खिलाफ अपराधों, नरसंहार और सदस्य देशों या उनके नागरिकों के खिलाफ आक्रामकता के लिए मुकदमा चलाता है। हालांकि कई बड़े देश इसके सदस्य नहीं है।
इंटरनेशनल कोर्ट ने पिछले नवंबर में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, पूर्व इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट और हमास नेताओं के गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। अदालत ने माना था कि नेतन्याहू और गैलेंट ने मानवीय सहायता रोककर गाजा में नागरिकों की भुखमरी को युद्ध के हथियार की तरह इस्तेमाल किया। हालांकि इजरायल ने आरोपों को झूठा बताकर खारिज कर दिया था।