उत्तरप्रदेश-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व यामानाशी प्रीफेक्चर कम्पनी जापान में एमओयू, टूरिज्म एण्ड वोकेशनल एजुकेशन में होगा फायदा

लखनऊ.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के समक्ष आज यहां उनकेआवास पर उत्तर प्रदेश सरकार और यामानाशी प्रीफेक्चर (जापान) के मध्यइण्डस्ट्रियल कॉपरेशन, टूरिज्म एण्ड वोकेशनल एजुकेशन के क्षेत्र में एम0ओ0यू0सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश व जापान केसाथ हुआ एम0ओ0यू0 साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर मानवता के लिएमहत्वपूर्ण क्वाड देशों के साथ मिलकर कार्य करने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जीकी प्रतिबद्धता का परिणाम है।

इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने जापान के यामानाशी प्रान्त के मा0 राज्यपाल श्रीकोटारो नागासाकी के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमण्डल का स्वागत जापानी भाषा मेंउद्बोधन के साथ किया। प्रदेश सरकार की ओर से मुख्य सचिव श्री मनोज कुमारसिंह और यामानाशी प्रान्त के गवर्नर्स पॉलिसी प्लानिंग ब्यूरो के महानिदेशक श्रीजुनीची इशिदेरा ने एम0ओ0यू0 का आदान प्रदान किया।2मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अनलिमिटेड पोटेंशियल का स्टेट है।आज इस एम0ओ0यू0 के बाद से भारत और जापान के सम्बन्धों को एक नई मजबूतीमिलेगी। अनलिमिटेड पोटेंशियल वाले इस राज्य में आपको सुखद अनुभव होगा।जापान से पधारे आप सभी को उत्तर प्रदेश के पोटेंशियल का पूरा लाभ मिलेगा।राज्य सरकार जापानी कम्पनियों के साथ सहयोग करने की इच्छुक है। यू0पी0ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के पार्टनर कन्ट्री के रूप में भी जापान का बड़ासहयोग मिला था।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत और जापान के सम्बन्ध सदियों से मैत्रीपूर्ण रहेहैं। दोनों देशों के मध्य एक सहस्त्राब्दी से अधिक समय से रणनीतिक, सांस्कृतिक ववैश्विक सहभागिता की जड़ें जुड़ीं हुई हैं। भारत और जापान बड़ी अर्थव्यवस्था वालेदेश हैं। समान सामाजिक-आर्थिक विकास की प्राथमिकताओं के साथ लोकतांत्रिक,धर्मनिरपेक्ष एवं बहुलवादी प्रणालियों के साथ-साथ विश्व स्तरीय सामरिक दृष्टिकोणभी दोनों देशों के समान हैं। आज जब दुनिया के तमाम देश युद्ध में हैं, तब प्रधानमंत्रीश्री नरेन्द्र मोदी जी, भगवान बुद्ध के संदेश के माध्यम से दुनिया को शांति-सौहार्द वएकता के सूत्र में बांध रहे हैं। प्रधानमंत्री जी और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 शिंजोआबे के प्रगाढ़ सम्बन्धों ने भी भारत-जापान के राजनीतिक, आर्थिक और व्यावसायिकसम्बन्धों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत एवं जापान के मध्य आर्थिक सहयोग अत्यन्तसमृद्ध हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कार्यरत 07 प्रमुख कम्पनियों (मित्सुईटेक्नोलॉजीज, होंडा मोटर्स, यामाहा मोटर्स, डेंसो, टोयोड्रंक, निसिन ए0बी0सी0लॉजिस्टिक्स, सेकिसुई डी0एल0जे0एम0 मोल्डिंग) सहित 1,400 से अधिक जापानीकम्पनियां भारत में संचालित हैं। दोनों देशों के मध्य वित्तीय वर्ष 2023-24 में 22.854बिलियन अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ है। इस अवधि में जापान से भारतको 17.69 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया गया तथा 5.15 बिलियनअमेरिकी डॉलर का आयात किया गया।देश में सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य उत्तर प्रदेश, आकार में भारत काचैथा सबसे बड़ा राज्य है। यहां निवासरत 25 करोड़ नागरिक इसे भारत का सबसेबड़ा श्रम एवं उपभोक्ता बाजार बनाते हैं। विगत साढ़े सात वर्षों में राज्य सरकार ने3प्रदेश में निवेश के लिए बेहतरीन माहौल तैयार किया है। रेल, रोड, एयर औरवॉटर-वे की बेहतरीन कनेक्टिविटी है। इससे उद्योगों को वैश्विक एवं घरेलू बाजारतक पहुंच बनाने में लॉजिस्टिक्स की सुलभता में वृद्धि हुई है। प्रदेश में देश का सबसेबड़ा रेलवे नेटवर्क है। यह 16,000 किमी0 से अधिक है।वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर-8.5 प्रतिशत एवं ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेटकॉरिडोर 57 प्रतिशत का अधिकांश क्षेत्र उत्तर प्रदेश में आता है। दोनों फ्रेट कॉरिडोरका जंक्शन प्रदेश के दादरी (ग्रेटर नोएडा) में है। देश के सबसे विस्तृत राष्ट्रीयराजमार्ग नेटवर्क में से एक होने के नाते, उत्तर प्रदेश ने स्वयं को 13 वर्तमान एवंआगामी एक्सप्रेस-वे के साथ ‘एक्सप्रेस-वे राज्य’ के रूप में स्थापित किया है। 1,225किलोमीटर के 06 एक्सप्रेस-वे पूर्ण हो चुके हैं, जबकि 07 विकास के विभिन्न चरणोंमें हैं। ये एक्सप्रेस-वे पूरे राज्य में मैन्युफैक्चरिंग केन्द्रों को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदानकर रहे हैं। एक्सप्रेस-वे प्रदेश के रूप में उत्तर प्रदेश को नई पहचान मिल रही है।गंगा एक्सप्रेस-वे बनने के बाद देश के कुल एक्सप्रेस-वे में 55 प्रतिशत भागीदारीउत्तर प्रदेश की होगी। वर्तमान में कुल 1130 किमी0 लम्बाई के 05 एक्सप्रेस-वेसंचालित हैं।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मेरठ से प्रयागराज के मध्य 594 किमी0 के गंगाएक्सप्रेस-वे सहित 720 किमी0 लम्बाई के 03 एक्सप्रेस-वे निर्माणाधीन हैं। अयोध्या,लखनऊ, वाराणसी एवं कुशीनगर में क्रियाशील तथा जेवर में निर्माणाधीन एशिया केसबसे बड़े अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकसित होने से उत्तर प्रदेश 05अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला देश का एकमात्र राज्य बनने जा रहा है। वर्तमान में16 घरेलू, जिसमें 04 अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे संचालित हैं।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यामानाशी प्रीफेक्चर और उत्तर प्रदेश दोनों में एकबड़ी साम्यता है। दोनों ही लैंडलॉक्ड स्टेट हैं, दोनों की अपनी सीमाएं हैं। उत्तर प्रदेशने अपनी इस समस्या को एक चुनौती के रूप में लिया है और अब हमने ड्राई पोर्ट्सको विकसित किया है। इनलैंड वॉटर-वे को एक्टिव किया है। प्रदेश के वाराणसी सेपश्चिम बंगाल के हल्दिया तक देश का पहला वॉटर-वे प्रारम्भ हो चुका है। वाराणसीमें 100 एकड़ में भारत का पहला ‘फ्रेट विलेज’ विकसित हो रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश4के निर्यात केंद्रों को पूर्वी भारत के बंदरगाहों से जोड़ने वाला यह गांव इनबाउण्ड औरआउटबाउण्ड कार्गो के लिए ट्रांस-शिपमेंट हब के रूप में कार्य करेगा।भारत की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में से एक होने के नाते, उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीयसकल घरेलू उत्पाद में लगभग 9.2 प्रतिशत का योगदान करता है। उत्तर प्रदेश भारतके फूड-बास्केट के रूप में जाना जाता है। राज्य में कृषि एवं खाद्य-प्रसंस्करण तथाडेयरी सेक्टर में अपार सम्भावनाएं हैं। उत्तर प्रदेश भारत में खाद्यान्न, दूध तथा गन्नेका सबसे बड़ा उत्पादक है। प्रदेश सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन नीति प्रख्यापित की है।ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में 2.73 लाख करोड़ रुपये के 20 एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरितकिये गये हैं। अयोध्या एवं अन्य 17 नगर निगमों का सोलर सिटी के रूप में विकासकिया जा रहा है।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जापान और भारत के बीच शताब्दियों से गहरेसांस्कृतिक सम्बन्ध रहे हैं। भगवान गौतम बुद्ध के पिता महराज शुद्धोधन की राजधानीकपिलवस्तु, पहला उपदेश स्थल सारनाथ, सर्वाधिक चातुर्मास प्रवास स्थल श्रावस्ती,महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर सहित भगवान बुद्ध के अनेक स्मृतियां यहां संजोयीगई हैं। भगवान बुद्ध के इस स्थलों को आपस मे जोड़ते हुए हमने बौद्ध सर्किटडेवलप किया है। हमें प्रसन्नता होगी यदि आप सभी स्वयं एक बार इन स्थलों काविजिट करें।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आई0टी0/आई0टी0ई0एस0 सेक्टरमें उत्तर प्रदेश को भारत के कुल मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में लगभग 45 प्रतिशतयोगदान करने का गौरव प्राप्त है। यहां भारत के मोबाइल कम्पोनेण्ट्स के लगभग 55प्रतिशत निर्माता हैं। भारत के लगभग 26 प्रतिशत मोबाइल निर्माता उत्तर प्रदेश मेंक्रियाशील हैं तथा 200 से अधिक ई0एस0डी0एम0 कम्पनियां प्रदेश में स्थित हैं। राज्यसरकार सेमी-कण्डक्टर मैन्यूफैक्चरिंग तथा फैब-यूनिट के लिए क्लस्टर विकसित कररही है। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश तेजी से भारत में डाटा सेण्टर के मुख्य हब केरूप में उभर रहा है। स्टार्टअप इण्डिया रैंकिंग-2021 में भारत सरकार द्वारा राज्य को‘लीडर स्टेट्स’ की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। उत्तर प्रदेश में स्टार्टअपइण्डिया-कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक 7,600 से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत किए गएहैं। 06 सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस डेवलप किये जा रहे हैं।5मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत में घोषित 02 डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर मेंसे एक उत्तर प्रदेश में विकसित किया जा रहा है। तेजी से विकसित होते हुएस्टार्टअप ईकोसिस्टम के साथ, उत्तर प्रदेश में एंजेल इन्वेस्टर्स एवं वेंचरकैपिटलिस्ट्स के लिए डिफेंस एवं एयरोस्पेस वैल्यू-चेन में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहितकरने के लिए असीम अवसर उपलब्ध हैं। जापान को इसका लाभ उठाना चाहिए।इससे प्रौद्योगिकी हस्तान्तरण, अनुसंधान एवं विकास तथा इनोवेशन को बढ़ावामिलेगा।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यमुना एक्सप्रेस-वे के निकट राज्य का पहलामेडिकल डिवाइस पार्क का शुभारम्भ किया गया है। इसी प्रकार यमुना एक्सप्रेस-वेक्षेत्र में फिल्म सिटी, टॉय पार्क, अपैरल पार्क, हैंडीक्राफ्ट पार्क, लॉजिस्टिक हबविकसित किए जा रहे हैं। प्रदेश को डेटा सेन्टर हब बनाने की दिशा में कुल 636मेगावॉट क्षमता के डेटा सेन्टर की स्थापना का कार्य जारी।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपनी नीतियों में संरचनात्मकपरिवर्तन करके एक प्रतिस्पर्धी, आकर्षक एवं सहायक प्रोत्साहन का ढांचा प्रदान कियाहै। प्रदेश सरकार की इण्डस्ट्रियल पॉलिसी एक विकल्प आधारित मॉडल प्रदान करतीहै, जो उत्पादन, रोजगार एवं निर्यात को प्रोत्साहित करती है। सर्कुलर इकोनॉमी,इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स तथा ग्रीन हाइड्रोजन सहित नए क्षेत्रों को भी हम प्रोत्साहितकर रहे हैं। भारत व जापान के मध्य सम्बन्ध केंद्र सरकार के साथ ही राज्यों तक भीफैले हैं। प्रदेश के ग्रेटर नोएडा से जापानी शहरों के साथ अच्छे सम्बन्ध हैं। इनसाझेदारियों का उद्देश्य व्यापार, संस्कृति व शासन सहित अनेक क्षेत्रों में सहयोग कोबढ़ावा देना है।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश लगातार आगेबढ़ रहा है। प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा, वेस्ट-टू-एनर्जी एवं हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी कोप्रोत्साहित कर रही है। राज्य सरकार वर्ष 2027 तक 22,000 मेगावाॅट सौर ऊर्जा काउत्पादन करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। हाल ही में शुरू हुए सौर एवंजैव-ईंधन ऊर्जा सेक्टर में महत्वपूर्ण निवेश सम्मिलित है। वहीं शिक्षा क्षेत्र में जापानकी भागीदारी कौशल विकास एवं नॉलेज ट्रांसफर हेतु अभिनव साझेदारी को जन्म दे6सकती है। इसके अलावा सहयोगात्मक प्रयासों से उत्तर प्रदेश में आई0टी0, संचारएवं टेक्नोलॉजी इन्फ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि को बढ़ावा दिया जा सकता है।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जापान की विशेषज्ञता स्मार्ट सिटीज, नगरीय परिवहनएवं आपदा-रोधी अवस्थापना में है, जो उत्तर प्रदेश के विकास पहल में महत्वपूर्ण रूपसे योगदान दे सकती है। कृषि की दृष्टि से उत्तर प्रदेश काफी समृद्ध है। विशेष रूपसे खाद्य प्रसंस्करण, कृषि-तकनीक एवं आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में सहयोग का एकप्रमुख क्षेत्र है। टिकाऊ कृषि एवं वैल्यू-ऐडेड खाद्य उत्पादों हेतु उन्नत टेक्नोलॉजी कोसंयुक्त उद्यम के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश दुनिया कासबसे युवा राज्य है। यहां के युवा जापान से प्रशिक्षण प्राप्त करके अत्यधिक कौशलसम्पन्न श्रमिक बन सकते हैं। इससे वे वैश्विक स्तर पर उद्योगों में योगदान देने केलिए तैयार होंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले दशक में वर्तमान में जो 15 वर्ष से कमआयु की जनसंख्या है, वह कामकाजी जनसंख्या में शामिल हो जाएगी। हमने व्यवस्थाको ट्रांसपैरेंट बनाया है। तकनीक की मदद से मानवीय हस्तक्षेप को न्यूनतम कियागया है। आपको इसका लाभ प्राप्त होगा।इस अवसर पर जापान के यामानाशी प्रांत के राज्यपाल श्री कोटारो नागासाकीने कहा कि यामानाशी प्रीफेक्चर और उत्तर प्रदेश के मध्य आध्यात्मिक एवं ऐतिहासिकसम्बन्ध रहे हैं। उन्होंने एम0ओ0यू0 पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जापानलेबर स्किल डेवलपमेण्ट, रिन्यूएबल एनर्जी, हाइड्रो पावर, ज्ञान और तकनीक केआदान-प्रदान में परस्पर सहयोग प्रदान करेगा। इससे भारत और जापान केरणनीतिक सम्बन्धों को एक नई ऊंचाई प्राप्त होगी। उन्होंने मुख्यमंत्री जी से कहा किजापान आपका दूसरा घर है। उन्होंने यामानाशी प्रांत आने का निमंत्रण देकर सभी केप्रति आभार व्यक्त किया।

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