पैगंबर के अपमान पर उबल रही घाटी, 1 महीने तक सारे कॉलेज बंद; NIT खाली

श्रीनगर

सांप्रदायिक तौर पर संवेदनशील कश्मीर घाटी में पैगंबर मोहम्मद के अपमान का मसला बड़ा होता जा रहा है। इसके चलते राज्य में तनाव बढ़ रहा है और अब घाटी में कॉलेजों को बंद करना पड़ा है। घाटी के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में ऑफलाइन क्लासेज को बंद कर दिया गया है। सभी कॉलेजों के मैनेजमेंट से कहा गया है कि वे अगले आदेश तक ऑनलाइन क्लासेज ही चलाएं। श्रीनगर के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी को तो बंद ही करना पड़ा है। इसके अलावा हॉस्टल भी खाली करा लिए गए हैं। इसी संस्थान के एक छात्र ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर एक पोस्ट सोशल मीडिया पर की थी।

इसको लेकर बवाल बढ़ गया और छात्र संगठन प्रदर्शन करने लगे। यही नहीं श्रीनगर समेत घाटी में कई जगहों पर इसके विरोध में प्रदर्शन भी हुए हैं। इसकी वजह से चिंता यह भी है कि अलगाववादी इन विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा बन सकते हैं। इसके अलावा आतंकवादी भी इस मामले के बहाने लोगों को उकसाने की कोशिश कर सकते हैं। प्रशासन ने यह भी आदेश दिया है कि कोई भी सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट न करे। किसी की पोस्ट पर कॉमेंट आदि न करे। इसके अलावा ऐसे संदेशों को फॉरवर्ड करने से भी बचें। 

पुलिस का कहना है कि आरोपी एआईटी छात्र के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 153 और 295 के तहत केस दर्ज किया गया है। रजिस्ट्रार की शिकायत के बाद यह ऐक्शन लिया गया। हालांकि प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इतना ही काफी नहीं है। आरोपी छात्र को अरेस्ट किया जाए और उसके खिलाफ कड़ी सजा तय हो। हालात इतने विकट हो गए हैं कि एनआईटी में सर्दियों का अवकाश पहले ही घोषित कर दिया गया है। इसके अलावा हॉस्टल में रहने वाले सभी छात्र-छात्राओं से कहा गया है कि वे परिसर खाली कर दें। 

एक अधिकारी ने कहा कि सरकार की ओर से यह आदेश आया है। राज्य के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से 1 दिसंबर से 31 दिसंबर तक ऑफलाइन क्लासेज को बंद करने का आदेश दिया गया है। इस तरह पूरे एक महीने एहतियात के तौर पर कॉलेज बंद रहेंगे। हालांकि सरकार ने यह नहीं कहा है कि ऐसा फैसला पैगंबर मोहम्मद के अपमान की वजह से लिया गया है। प्रशासन ने कहा है कि मौसम की वजह से सर्दियों की छुट्टियां की जा रही है। सांप्रदायिक तौर पर संवेदनशील कश्मीर में अलगाववादियों के लिए यह नया मुद्दा हो सकता है, जिसका फायदा उठाकर एक बार फिर से वे सक्रिय हो सकते हैं। फिलहाल प्रशासन का जोर इसी बात पर है कि इसे लेकर विरोध प्रदर्शन की आग न फैले।

आरोपी छात्र के खिलाफ अब तक क्या ऐक्शन हुआ

सूत्रों का कहना है कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप जिस छात्र पर लगा है, वह दूसरे राज्य का रहने वाला है। आरोप है कि एक यूट्यूब वीडियो में उसने टिप्पणी की थी। इसी को लेकर विरोध बढ़ा तो उसे संस्थान से बाहर कर दिया गया। इसके बाद रजिस्ट्रार की मांग पर पुलिस ने केस दर्ज किया। फिर भी आंदोलन थमे नहीं हैं। एनआईटी के अलावा अमर सिंह कॉलेज और इस्लामिया कॉलेज में भी प्रदर्शन हुए हैं। इस्लामिया कॉलेज को तो सेमेस्टर परीक्षाओं के बीच ही बंद करना पड़ा है।

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