योगी सरकार की ऊर्जा नीति से यूपी में सुधार तेज, स्मार्ट मीटरिंग ने बदल दिया ‘पावर गेम’

15,26,801 डीटी मीटर स्वीकृत, 2,29,898 स्थापित, बिजली वितरण प्रणाली में तकनीकी मजबूती

25,224 फीडर मीटर  स्थापित, फीडर स्तर पर निगरानी से लाइन लॉस पर नियंत्रण

लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में जिस गति और स्तर पर तकनीकी परिवर्तन का साक्षी बन रहा है, वह न केवल प्रदेश का बल्कि पूरे देश के लिए एक मॉडल बनता जा रहा है। वर्ष 2025 में उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था में स्मार्ट मीटरिंग के जरिए पारदर्शिता, दक्षता और उपभोक्ता हितों के संरक्षण का वर्ष साबित हुआ है। यूपी में अब तक लगभग 68,24,654 (68 लाख, 24 हजार, 654) स्मार्ट मीटर स्थापित किए जा चुके हैं। वहीं सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश लगातार अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा रहा है। अभी तक प्रदेश में पीएम सूर्य घर योजना के अंतर्गत 3,20,187 सौर ऊर्जा इंस्टॉलेशन हो चुके हैं। यही नहीं यूपी सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में सुधार को प्राथमिकता देते हुए उपभोक्ताओं के हितों को केंद्र में रखकर काम किया है। डिजिटल तकनीक आधारित ‘स्मार्ट मीटरिंग प्रोजेक्ट’ के अंतर्गत न केवल बिजली वितरण प्रणाली में पारदर्शिता आई है, बल्कि राजस्व संग्रहण में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

स्मार्ट मीटरिंग से पारदर्शिता और नियंत्रण
उत्तर प्रदेश में 3,09,78,280 (3 करोड़, 9 लाख 78 हजार 280) स्मार्ट मीटर स्वीकृत किए जा चुके हैं। इनमें से 68,24,654 (68 लाख 24 हजार 654) मीटर स्थापित किए जा चुके हैं। प्रदेश सरकार ने बिजली उपभोग को डिजिटल रूप से ट्रैक करने और बिलिंग प्रक्रिया को सटीक बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाया है। स्मार्ट मीटरों से उपभोक्ताओं को सटीक बिलिंग, वास्तविक खपत का आकलन और बिजली चोरी पर अंकुश जैसे अनेक लाभ मिल रहे हैं। पहले जहां अनुमान आधारित बिलिंग से उपभोक्ताओं को शिकायतें रहती थीं, वहीं अब वास्तविक उपयोग के आधार पर पारदर्शी बिल मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बार कहा है, “स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम न केवल तकनीकी सुधार है, बल्कि उपभोक्ता के प्रति जवाबदेही का प्रतीक भी है।”

डीटी मीटरों से बिजली वितरण में सुधार
बिजली वितरण को और अधिक व्यवस्थित और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए योगी सरकार ने डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफॉर्मर (डीटी) मीटरिंग पर विशेष ध्यान दिया है। अब तक 15,26,801 (15 लाख 26 हजार 801) डीटी मीटर स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 2,29,898 (2 लाख 29 हजार 898) मीटर स्थापित हो चुके हैं। यह व्यवस्था हर ट्रांसफॉर्मर पर बिजली के प्रवाह और खपत की निगरानी को सटीक बनाती है। डीटी मीटर से यह पता लगाना आसान होता है कि किन क्षेत्रों में बिजली की हानि सबसे अधिक है और कहां पर तकनीकी सुधार की आवश्यकता है? इस तकनीक के माध्यम से बिजली चोरी में कमी आई है और लाइन लॉस कम हो रहा है।

फीडर मीटरिंग से मजबूत हुआ बिजली आपूर्ति नेटवर्क
उत्तर प्रदेश में बिजली नेटवर्क को सशक्त बनाने के लिए 25,224 फीडर मीटर स्थापित किए जा चुके हैं। यह व्यवस्था यह सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक फीडर स्तर पर बिजली आपूर्ति और उपभोग का रिकॉर्ड डिजिटल रूप से उपलब्ध रहे। फीडर मीटरिंग से आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और ग्रामीण व शहरी दोनों इलाकों में बिजली वितरण की विश्वसनीयता बढ़ी है।

उपभोक्ताओं के हित में तकनीक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार का लक्ष्य केवल तकनीकी उन्नयन ही नहीं, उपभोक्ताओं के हितों को भी सशक्त बनाना है। स्मार्ट मीटर से अब उपभोक्ता अपने मोबाइल या ऑनलाइन पोर्टल के जरिए बिजली उपयोग का रियल टाइम डेटा देख सकते हैं। इससे बिलिंग विवाद घटे हैं और उपभोक्ता अपनी खपत पर खुद नियंत्रण रख पा रहे हैं। साथ ही भुगतान प्रणाली को भी ऑनलाइन और पारदर्शी बनाकर सरकार ने डिजिटल इंडिया के विजन को दृढ़ता प्रदान करने का काम किया है।

बिजली बिल राहत योजना का उपभोक्ताओं को मिल रहा लाभ
 बिजली बिल राहत योजना में 16 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया है। 1323 करोड़ की राजस्व धनराशि प्राप्त हुई। सबसे अधिक पूर्वांचल डिस्काम में 6 लाख से ज्यादा पंजीकरण हुआ है।

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