समृद्ध शिक्षा कला और संस्कृति के बिना अधूरी है : स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) परमार

नाटी लोक नृत्य के लिए हिमाचल प्रदेश को मिला प्रथम पुरुस्कार

भोपाल
स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इन्दर सिंह परमार ने कहा है कि मध्यप्रदेश के विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शित विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक और कला आधारित प्रदर्शनी सराहनीय है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का अनुसरण "राष्ट्रीय बालरंग" महोत्सव में दिख रहा है। राज्यों की अलग भाषा, वेशभूषा और रहन सहन के अलग होने के बाद भी हमारी सांस्कृतिक विरासत एक है। राज्यमंत्री परमार ने कहा कि समृद्ध शिक्षा कला और संस्कृति के समावेश के बिना अधूरी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप भारत की परंपरा, कला और संस्कृति से समृद्ध शिक्षा ही भारत को पुनः परम वैभव पर स्थापित कर सकती है। विविधता को एकात्मकता के सूत्र में पिरोना हमारी जिम्मेदारी है।

राज्य मंत्री परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसरण में "राष्ट्रीय बालरंग" को रंगकर इंद्रधनुषीय छटा बिखेरने के लिए सभी राज्यों से आए प्रतिभागी विद्यार्थी और शिक्षक बधाई के पात्र हैं। मध्यप्रदेश के विद्यार्थी सभी राज्यों की भाषाएं सीख सकें और उनके संवाद का दायरा व्यापक हो सके, इस दिशा में स्कूल शिक्षा विभाग कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के विद्यार्थियों की भी अन्य राज्यों के ऐसे कार्यक्रमों में प्रतिभागिता सुनिश्चित की जाएगी, जिससे यहां के विद्यार्थी अन्य प्रांतों की भाषा, रहन सहन, वेशभूषा, संस्कृति, कला एवं इतिहास से परिचित हो सकें। "राष्ट्रीय बालरंग" भारत को विश्वगुरु और विश्व में सिरमौर बनाने की संकल्पना को साकार करने के लिए प्रेरित कर रहा है। उन्होंने विभिन्न राज्यों से आए सभी प्रतिभागी विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को शुभकामनाएँ दीं।

स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री परमार राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में बच्चों के सांस्कृतिक महोत्सव "राष्ट्रीय बालरंग" के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने "राष्ट्रीय बालरंग" महोत्सव में मप्र के बच्चों द्वारा लगाई गई विभिन्न राज्यों की "समर्थ भारत" प्रदर्शनी का अवलोकन कर उनका उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर राज्य मंत्री परमार ने "राष्ट्रीय बालरंग स्मारिका 2022" का विमोचन किया।

मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, भोपाल द्वारा "राष्ट्रीय बालरंग 2022" का आयोजन 17 दिसम्बर से 19 दिसम्बर 2022 तक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में किया गया। इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश सहित 16 राज्यों एवं एक केंद्र शासित प्रदेश के स्कूली विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की। राष्ट्रीय बालरंग 2022" में राज्यों के पारंपरिक लोकनृत्य में विभिन्न राज्यों के प्रतिभागी स्कूली विद्यार्थियों द्वारा दी प्रस्तुतियों में नाटी लोक नृत्य के लिए हिमाचल प्रदेश को प्रथम पुरुस्कार 51 हजार रुपए, पंजाबी लोक नृत्य लुड्डी के लिए चंडीगढ़ को द्वितीय पुरस्कार 31 हजार रुपए, हरियाणा को तृतीय पुरूस्कार 21 हजार रुपए दिए गए। सिक्किम और दमन दीव को सांत्वना पुरस्कार 11 हजार रुपए एवं मणिपुर और गुजरात को विशेष पुरुस्कार स्वरूप 5 हजार रुपए की राशि दी गई।

उल्लेखनीय है कि राज्य मंत्री स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) इन्दर सिंह परमार ने "राष्ट्रीय बालरंग" 2022 के शुभारंभ अवसर पर प्रतिभागियों के लिए प्रोत्साहन स्वरूप दी जाने वाली पुरुस्कार राशि बढ़ाकर प्रथम पुरुस्कार 51 हजार रुपए, द्वितीय पुरुस्कार 31 हजार रुपए, तृतीय पुरूस्कार 21 हजार रुपए एवं सांत्वना पुरस्कार राशि 11 हजार रूपये किए जाने की घोषणा की थी, जिसे इस वर्ष से ही लागू कर दिया गया है। इसके पूर्व "राष्ट्रीय बालरंग" में प्रतिभागियों के लिए प्रोत्साहन स्वरूप दी जाने वाली पुरुस्कार राशि प्रथम स्थान के लिए 31 हजार, द्वितीय स्थान के लिए 11 हजार एवं तृतीय स्थान के लिए 5 हजार रुपए थी। इसके साथ फूड जोन, लघु भारत प्रदर्शनी, स्वाधीनता का अमृत महोत्सव के अंतर्गत सहोदय ग्रुप, आत्मनिर्भर समर्थ भारत प्रदर्शनी, क्रिएटिव क्राफ्ट प्रदर्शनी प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को भी पुरुस्कार दिया गया।

प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरुण शमी, संचालक लोक शिक्षण केके द्विवेदी, उपाध्यक्ष शिक्षा समिति जिला पंचायत भोपाल मोहन सिंह जाट, सदस्य बाल संरक्षण आयोग मध्यप्रदेश अनुराग पांडे और अन्य अधिकारीगण, प्रतिभागी विद्यार्थी एवं शिक्षक जन भी उपस्थित रहे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button