लाड़ली बहनों पर खर्च होंगे 23 हजार 400 करोड़ रुपए

भोपाल

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लाड़ली बहना योजना और बहनों को साढ़े चार सौ रुपए में रसोई गैस सिलेंडर देने की शुरुआत कर 163 सीटें हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी को अब सत्ता में आने के बाद इन दोनों योजनाओं को निरंतर संचालित करने हर साल 23 हजार 400  करोड़ रुपए खर्च करना होगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव के पहले मार्च में लाड़ली बहना योजना की घोषणा कर दस जून 2023 से लाड़ली बहना योजना में हर माह एक हजार रुपए देकर इसकी शुरुआत की थी। उस समय सवा लाख लाड़ली बहनें इस योजना का लाभ उठा रही थी। बाद में योजना में संशोधन कर 21 साल से 23 साल तक की उम्र वाली बहनों और ट्रेक्टर के मालिक परिवारों को इस योजना में शामिल किया गया तो लाड़ली बहनों की संख्या 1 करोड़ 31 लाख हो गई।  अक्टूबर से इस योजना में 21 वर्ष से 60 वर्ष तक की आयु वाली महिलाओं को योजना का लाभ  देने हर माह 1596 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे है।

अब सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार इस योजना के तहत लाड़ली बहनों को हर माह पंद्रह सौ रुपए देने की तैयारी में है। प्रदेश में सत्तारुढ़ दल के मुख्यमंत्री को शपथ ग्रहण करने के बाद वादा पूरा करने हर माह लाड़ली बहनों को दी जाने वाली राशि बढ़ाने पर 327 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने होंगे। याने इस योजना को संचालित करने सरकारी खजाने पर हर माह 1925 करोड़ रुपए का बोझ आएगा।

बाहनों को गैस कनेक्शन
इसी तरह भाजपा सरकार ने बहनों को रिझाने उन्हें 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर देने की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में हर माह 82 लाख रसोई गैस कनेक्शन दिए गए थे। इसमें से बीस लाख गैस कनेक्शन ऐसे है जो हर माह रसोई गैस रिफिल करा रहे है। लाड़ली बहनों के दस लाख कनेक्शन और बढ़े है।

इनमें से पांच लाख रसोई गैस सिलेंडर हर माह रिफिल हो रहे है। इस तरह लगभग 25 लाख रसोई गैस सिलेंडर हर माह रिफिल हो रहे है। जुलाई अगस्त में सस्ते रसोई गैस सिलेंडर देने सरकार ने दो सौ करोड़ रुपए खर्च किए थे। अब गैस सिलेंडर पर खर्च होने वाली राशि में केन्द्र सरकार के सहयोग से तीन सौ रुपए की बचत हो रही है। इसलिए हर माह केवल पचास करोड़ रुपए का खर्च आएगा।

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