प्रदेश के 5 हस्त शिल्प उत्पाद सहित रीवा के सुंदरजा-आम को मिला जी.आई. टैग

भोपाल

प्रदेशके हस्त शिल्प उत्पाद ने नया इतिहास बनाया है। केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के इंडस्ट्री प्रमोशन एडं इंटरनल ट्रेड द्वारा मध्यप्रदेश के 6 उत्पादों डिंडौरी की गोंड पेंटिंग, ग्वालियर का कार्पेट, उज्जैन की बाटिक प्रिंट, जबलपुर भेड़ाघाट का स्टोन क्राफ्ट, बालाघाट की वारासिओनी की साड़ी और रीवा के सुंदरजा-आम को जी.आई. टैग प्रदान किया गया है। यह पहला अवसर है कि जब एक साथ प्रदेश के इतने उत्पादों को जी आई टैग प्रदान किया गया है। साथ ही प्रदेश में जीआई टैग प्राप्त उत्पादों की संख्या 19 हो गई है।

प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी संत रविदास हस्तशिल्प विकास निगम श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि जी.आई. टैग (जियोग्राफिकल इंडिकेशंस टैग) एक प्रकार का लेवल है, जिसमें किसी प्रॉडक्ट को विशेष भौगोलिक पहचान दी जाती है, जो केन्द्रीय के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा दिया जाता है। नाबार्ड टेक्सटाइल कमेटी और वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से राज्य सरकार के कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के साथ स्थानीय उत्पादक संस्थाओं ने समन्वय से यह सफलता प्राप्त की गई है। कलसल्टेटिव कमेटी के परिक्षण उपरांत 31 मार्च 2023 को केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने देश के 33 जी.आई. टैग मिलने पर ट्वीट कर बधाई दी है।

 

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