अमेरिका और भारत मिलकर करेंगे प्रदूषण कम, भारत को 2027 तक मिलेगें 50000 EV बसें

नई दिल्ली
दुनियाभर में प्रदूषण को कम करने के लिए कई पहल हो रही हैं। इसी क्रम में देश में इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ाने के लिए अमेरिका और भारत के बीच क्या बातचीत हुई है। हम इसकी जानकारी आपको इस खबर में दे रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी अधिकारी महुआ आचार्य ने कहा कि पेमेंट सिक्योरिटी मैकेनिज्म, अमेरिकी सरकार और परोपकारी समूहों की ओर से 15 करोड़ डॉलर और भारत सरकार की ओर से 24 करोड़ डॉलर के साथ स्थापित किया गया है। यह मैकेनिज्म भारत में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए फाइनेंशियल सिस्टम तैयार करने के लिए रिस्क मैनेजमेंट का आधार है।

पहले आया था "ट्रांसपोर्टेशन एज सर्विस" कॉन्सेप्ट

सरकार ने पहले "ट्रांसपोर्टेशन एज सर्विस" के कॉन्सेप्ट की पेशकश की थी। इसके तहत मैन्युफैक्चरर, पब्लिक एंटिटी को बसें किराए पर देते हैं और 12 वर्षों के लिए मासिक भुगतान लेते हैं। वैसे तो इससे स्थानीय अधिकारियों को लागत बढ़ाने और, अधिक बसें अफोर्ड करने की इजाजत मिली, लेकिन इससे आखिरकार उत्पादन में कमी आई। इसकी वजह थी कि व्हीकल मैन्युफैक्चरर्स को संबंधित दीर्घकालिक ऋण को वहन करते समय अनिश्चित रिटर्न का सामना करना पड़ा। ​

सरकार की ओर से नया फंड मैकेनिज्म, मैन्युफैक्चरर्स के जोखिमों को कम करने के लिए डिजाइन किया गया है। देश में वर्तमान में केवल 12000 ई-बसें चल रही हैं। भारत इलेक्ट्रिक बसों की कीमत कम करने की दिशा में काम कर रहा है।

अमेरिकी राजदूत ने कही यह बात

भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि इलेक्ट्रिक बसें दुनिया को बदल सकती हैं और एक ऐसा भविष्य दे सकती हैं जहां धरती रहने योग्य होगी। अमेरिकी राजदूत ने भारत में इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती में तेजी लाने विषय पर एक सत्र में भाग लेने के लिए एक भारतीय इलेक्ट्रिक बस में यात्रा भी की।

बस में यात्रा के बाद अमेरिकी राजदूत ने कहा कि मेरे लिए भारतीय इलेक्ट्रिक बस में बैठना बहुत रोमांचक था। हम जानते हैं कि इलेक्ट्रिक बसें दुनिया को बदल सकती हैं। वे शांत, स्वच्छ हैं, वे हमारे कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में हमारी मदद करती हैं और हमें एक ऐसा भविष्य देती हैं जहां हमारा ग्रह रहने योग्य होगा।

देश में तेजी से बढ़ रही है इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री तेजी से बढ़ रही है और इसके लिए चार्जिंग स्टेशनों के नेटवर्क का भी विकास किया जा रहा है। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के वाहन पोर्टल के अनुसार, देश में 10.60 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण किया जा चुका है। वहीं देश के अलग-अलग राज्यों में कुल 1,742 चार्जिंग स्टेशन परिचालन मे हैं।

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में तीन गुना इजाफा हुआ है। आंकड़ों को देखें तो, वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 4,29,217 यूनिट्स हुई थी, जबकि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान यह बिक्री 1,34,821 यूनिट्स की थी। वहीं वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 1,68,300 यूनिट्स थी।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के दौरान इलेक्ट्रिक कारों की खुदरा बिक्री 17,802 यूनिट थी, जो वित्त वर्ष 2020-2021 में हुई 4,984 यूनिट की बिक्री से तीन गुना अधिक थी। पिछले वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 2,31,338 यूनिट रही, जो वित्तीय वर्ष 2020-21 में बेची गई 41,046 यूनिट की तुलना में पांच गुना अधिक है।

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