कारखाने धमाका हुई कर्मचारी की मौत, मालिक ने शव रेलवे ट्रैक पर फेंका, पीएम में हुआ खुलासा

इंदौर
इंदौर में तीन दिन पहले एक सुखलिया रेलवे ट्रैक पर मिले शव के मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने जांच के बाद बताया कि सांवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया की एक प्लास्टिक फैक्ट्री में ब्लास्ट हुआ था। इसमें युवक की मौत हो गई। इस मौत को हादसा दिखाने के लिए फैक्ट्री मालिक ने बेटे और कर्मचारी की मदद से शव को रेलवे ट्रैक पर फिंकवा दिया। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जलने के निशान मिलने के बाद पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया।

बाणगंगा थाने के एसआई स्वराज डाबी के मुताबिक प्रद्युम्न पाल पुत्र बल्लू पाल निवासी जगन्नाथ नगर की मौत के मामले में पुलिस ने हरीश चौहान पुत्र नानूराम चौहान निवासी सूरजनगर खातीपुरा, विवेक पुत्र हरीश चौहान और गोपाल पिता तूफान सिंह अहिरवार निवासी ग्राम सुखलिया इन्दौर को गिरफ्तार किया है।

एसआई के मुताबिक मंगलवार को सुखिलया के रेलवे ट्रैक पर अज्ञात शव पड़ा मिला। जिसे पीएम के लिए अरबिंदो अस्पताल भेजा गया। यहां प्राथमिक जांच में डॉक्टरों से पता चला कि मृतक प्रद्युम्न के शरीर पर जलने के निशान भी हैं। पुलिस ने जानकारी निकाली तो पता चला कि वह सांवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया में हरीश चौहान की प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करता है।

यहां फैक्ट्री में प्लास्टिक गत्ते बनाने का काम किया जाता है। पुलिस पूछताछ के लिए फैक्ट्री पहुंची। यहां जांच में पता चला कि मशीन पर जले हुए प्लास्टिक के निशान मिले। पुलिस ने एफएसएल अफसर को मौके पर बुलाया। मशीन के सैंपल की जांच करने पर पता चला कि प्रेशर ज्यादा होने से मशीन में ब्लास्ट हुआ। इससे मशीन का वेस्ट मटेरियल बाहर की तरफ तेजी से निकला। इससे जलने से ही प्रद्युम्न की मौत हो गई।

पुलिस ने फैक्ट्री मालिक हरीश चौहान से पूछताछ की तो पूरे मामले का खुलासा हो गया। हरीश ने बताया कि हादसे से बचने के लिए ही उसने अपने बेटे विवेक और साथी गोपाल को बुलाकर बाइक से शव को रेलवे ट्रैक पर फिंकवा दिया। ताकि प्रद्युम्न की मौत एक हादसा लगे।

सीसीटीवी कैमरो में फैक्ट्री जाते दिखा
पुलिस ने प्रद्युम्न की मौत के मामले में सोमवार के सीसीटीवी फुटेज भी निकाले। जिसमें सिर्फ फैक्ट्री तरफ प्रद्युम्न जाते हुए दिखाई दिया। लेकिन वह वापस उस रूट पर आया ही नहीं। इस मामले में पुलिस ने और फुटेज निकाले तो ईश्वर का बेटा विवेक और कर्मचारी गोपाल प्रद्युम्न को बाइक पर बैठाकर ले जाते हुए दिखाई दिए। इसके बाद फैक्ट्री में मशीन में ब्लास्ट की जानकारी लगने पर मामले में संदेह होने पर सभी से अलग अलग पूछताछ में पूरे घटनाक्रम का खुलासा हो गया।

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