हेमंत सोरेन ने अवैध रूप से खरीदी 31 करोड़ रुपये की 8.86 एकड़ जमीन, मनी लॉन्ड्रिंग में ईडी ने जुटाए सबूत

रांची.

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने फ्रिज, स्मार्ट टीवी चालन को सबूत के दौर पर इस्तेमाल किया है। ईडी का दावा है कि हेमंत सोरेन न 31 करोड़ रुपये से अधिक 8.86 एकड़ जमीन अवैध रूप से हासिल की थी। ईडी ने रांची स्थित दो डीलरों से ये रसीदें प्राप्त की हैं। पिछले महीने झामुमो नेता और चार अन्य के खिलाफ दायर अपने आरोप पत्र में संलग्न किया था।

ईडी के मुताबिक, दोनों गैजेट संतोष मुंडा के परिवार के सदस्यों के नाम पर खरीदे गए थे, जिन्होंने एजेंसी को बताया था कि वह 14 वर्षों के लिए उक्त भूमि (8.86 एकड़) पर हेमंत सोरेन की संपत्ति के देखभालकर्ता के रूप में रह रहे हैं। रांची में न्यायाधीश राजीव रंजन की विशेष पीएमएलए अदालत ने चार अप्रैल को अभियोजन की शिकायत पर संज्ञान लिया। हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद 31 जनवरी को कथित भूमि हड़पने से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। वह फिलहाल रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। एजेंसी ने सोरेन के इस दावे का खंडन करने के लिए मुंडा के बयान का इस्तेमाल किया कि उनका उक्त भूमि से कोई संबंध नहीं है। ईडी ने जमीन के टुकड़े पर राजकुमार पाहन नाम के व्यक्ति के दावे को भी खारिज कर दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वह सोरेन के लिए संपत्ति को अपने नियंत्रण में रखने का मुखौटा था। ईडी ने दावा किया कि पिछले साल अगस्त में इस मामले में सोरेन को पहला समन जारी होने के तुरंत बाद, पाहन ने रांची के उपायुक्त को पत्र लिखकर कहा था कि उनके और कुछ अन्य लोगों के पास जमीन है और अन्य मालिकों के नाम पर पहले का परिवर्तन रद्द कर दिया जाए। और उन्हें उनकी संपत्ति से बेदखल होने से बचाया जा सके।

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