खांसी, जुखाम और श्वांस रोगी बच्चों से अस्पतालों के बेड फूल

भोपाल

वातावरण में निरंतर ठंडक बढ़ती जा रही है। तापमान में निरंतर होती गिरावट बच्चों को बीमार कर रही है। देखा जा रहा है कि मौसम का बदलता मिजाज बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है, जिसके कारण जेपी और हमीदिया अस्पतालों की ओपीडी में बीमार बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। बेड भी फुल हो चुके हैं। दरअसल बच्चों में इन दिनों खांसी, जुखाम, अस्थमा रोग (श्वांस रोग) और हृदय की बामारी की शिकायत बढ़ी है। सर्दी की दस्तक से मौसम में मौजूद वायरस इन बीमारियों का कारण बन रहा है।

जेपी और हमीदिया में बच्चा वार्ड फुल
ओपीडी में परामर्श के बाद बच्चे की स्थिति ज्यादा खराब रहने पर अस्पताल के शिशु विभाग में भर्ती तक कराना पड़ रहा है। आलम यह है कि जेपी और हमीदिया के बच्चा वार्ड फुल हो चुके हैं।

निमोनिया भी जकड़ने लगा
ठंड के बढ़ते प्रकोप के कारण बच्चों को निमोनिया जकड़ने लगा है। हमीदिया से लेकर निजी अस्पतालों तक मरीजों की भीड़ लग रही है। हमीदिया अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में 130 बच्चों का उपचार हुआ। इसमें 17 बच्चे निमोनिया व ठंड जनित बीमारी से पीड़ित रहे। इनका उपचार कर आवश्यक परामर्श दिया गया। गंभीर मरीजों को भर्ती किया गया। इधर, निजी अस्पतालों में भी बीमार बच्चों की भीड़ रही।

शिशु विभाग में भी बच्चों की संख्या में बढ़ोत्तरी
इन दिनों अस्पताल में जिन बच्चों को उनके अभिभावक इलाज के लिए लेकर आ रहे हैं, उनमें से ज्यादातर बच्चे मौसमी बीमारियों से ही पीड़ित हैं। किसी को खांसी, किसी को जुखाम तो किसी को श्वांस की परेशानी हो रही है। मौसमी बीमारी से पीड़ित 8 से 12 साल तक के बच्चे हैं, वहीं हमीदिया के शिशु विभाग में भी बच्चों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है।

इस मौसम में दें विशेष ध्यान
इस मौसम में विशेष ध्यान और सावधानी रखने की जरूरत है। इस बढ़ती ठंड में ठंडा पानी पीने के बजाय उबालकर पीयें, बाहरी खाना न खाएं, घर के आसपास साफ-सफाई रखने के साथ-साथ गर्म कपड़े पहनें और शरीर को ढंककर रखें।
डॉ. राकेश भार्गव, शिशु रोग विशेषज्ञ

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