अभियान के रूप में करें स्वच्छ सर्वेक्षण की तैयारियाँ

आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास यादव ने दिए निर्देश

भोपाल

आयुक्त नगरीय प्रशासन और विकास भरत यादव ने भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के नगरीय निकायों में चल रही विभागीय योजनाओं और कार्यों की समीक्षा की।  यादव ने सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वच्छ भारत मिशन में स्वच्छ सर्वेक्षण की तैयारियाँ अभियान के रूप में करें।

      यादव ने प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना, मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी द्वारा संचालित पेयजल और सीवरेज परियोजनाओं जैसे 17 विषय पर अधिकारियों से अद्यतन स्थिति की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने संजीवनी क्लीनिक की प्रगति और कायाकल्प अभियान से संबंधित बिंदुओं की भी समीक्षा कर जरूरी निर्देश दिए।

जीआईएस लेब स्थापित होगी

नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा प्रदेश में ई-गवर्नेस को बढ़ावा देने तथा तकनीक के प्रयोग से अपने कार्यों में नवाचार लाने के उद्देश्य से प्रदेश स्तर पर जीआईएस लेब तथा डाटा एनालिटिक सेंटर की स्थापना किये जाने का निर्णय लिया गया है। जीआईएस लेब विभाग की सभी प्रमुख योजनाओं से संबंधित डाटा को आपस में इंटीग्रेट कर एक प्लेटफॉर्म पर लाने का कार्य करेगी। लेब से केन्द्र सरकार द्वारा संचालित PM-Gati Shakti योजना में अन्य विभागों की जीआईएस लेयर्स का प्रयोग किया जा सकेगा। दूसरे विभागों के साथ डाटा के इंटीग्रेशन संबंधी कार्य भी संपादित किये जा सकेंगे।

बैठक में अपर आयुक्त सत्येंद्र सिंह, अवधेश शर्मा, मुख्य अभियंता हंस कुमार जैन  सहित सभी संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

लेब के प्रमुख उद्देश्य तथा कार्य

    1. नगरीय निकायों के प्रत्येक शहर के लिए "वन सिटी-वन मेप" का निर्माण किया जायेगा, जिससे नागरिक शहर के सम्पूर्ण इंफ्रा-स्ट्रक्चर सुविधाओं की जानकारी सिंगल मेप से प्राप्त कर सकेंगे।

    2. विभिन्न योजनाओं के जियोटेक डाटा का प्रयोग करते हुए प्रदेश स्तर पर मॉनीटरिंग के लिए सिंगल डैशबोर्ड का निर्माण किया जाना।

    3. भारत सरकार की PM – Gati Shakti योजना में उपयोग होने वाली जीआईएस लेयर से अन्य विभागों के डाटा का प्रयोग विभागीय योजनाओं में करना। शहरी नियोजन तथा शहरी क्षेत्र में होने वाली निर्माण गतिविधियों पर सेटेलाइट/ ड्रोन इमेज से निगरानी रखते हुए अवैध निर्माण चिन्हित करने संबंधी कार्य।

    4. प्रदेश की सभी सम्पत्तियों की जियो लोकेशन तथा सम्पत्ति आई.डी के साथ मेप पर चिन्हित करने का कार्य।

    5. नगरीय निकायों के स्ट्रीट फर्नीचर जैसे- शासकीय भवन, स्ट्रीट पोल्स, हॉर्डिंग्स, स्मार्ट पोल्स तथा बस डिपो इत्यादि के चिन्हाकन संबंधी कार्य।

    6. वाटर / सीवरेज परियोजनाओं के क्रियान्वयन से पहले साइट की उपयुक्तता तथा डीपीआर के लिए बेस डाटा प्रदाय करने का कार्य।

    7. कमाण्ड कंट्रोल सेंटर तथा मिनी कमाण्ड कंट्रोल सेंटर से शहरी क्षेत्रों में बेहत्तर नियोजन तथा निगरानी संबंधी कार्य के लिए आवश्यक डाटा प्रदाय करना।

लेब को नगरीय प्रशासन एवं विकास, पालिका भवन के कार्यालय में स्थापित किया जायेगा। लेब विभाग के डाटा की प्रोसेसिंग करते हुए MPSEDC को डाटा उपलब्ध करायेगी, जिसका प्रयोग अन्य विभागों द्वारा किया जाना भी संभव हो सकेगा।

लेब की स्थापना और कार्यशील होने के लिये एक वर्ष का समय निर्धारित किया गया है। आगामी 3 वर्षों में इसके माध्यम से डाटा एनालिसिस तथा सपोर्ट का कार्य संचालित किया जा सकेगा। लगभग 12 लोगों की एक तकनीकी टीम द्वारा लेब के संचालन व इंट्रीग्रेशन संबंधी कार्य पूर्ण किये जायेंगे। इनमें जीआईएस एक्सपर्ट, मोबाईल ऐप्लीकेशन डेवलपर, डाटा बेस एक्सपर्ट जैसे तकनीकी लोग रहेंगे।

 

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