भारतीय परंपराओं एवं मान्यताओं पर अनुसंधान करने की आवश्यकता : राज्य मंत्री परमार

स्वामी विवेकानंद के सपनों के भारत के शिल्पकार हैं विद्यार्थी

भोपाल

इंस्पायर अवार्ड-मानक 2021-22 राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी वर्ष मध्यप्रदेश के विद्यार्थियों के वैज्ञानिक विचार एवं दृष्टिकोण के सामर्थ्य की परिचायक है। विगत 2 वर्ष से लगातार सर्वश्रेष्ठ स्थान हासिल कर विद्यार्थियों ने प्रदेश का गौरव बढ़ाया है, इसके लिए प्रदेश के नन्हें वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं। भारत के ज्ञान-विज्ञान का इतिहास प्राचीन है, यहाँ की प्राचीन परम्पराएँ एवं मान्यताएँ वैज्ञानिक दृष्टिकोण को समाहित किए हुए हैं। प्रचलित परंपराओं एवं मान्यताओं पर अनुसंधान करने की आवश्यकता है। स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार ने आजादी के अमृत महोत्सव के परिप्रेक्ष्य में आज एलएनसीटी विश्वविद्यालय, भोपाल में इंस्पायर अवार्ड मानक 2021-22 राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित किया।

राज्य मंत्री परमार ने कहा कि भारतीय समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण आधारित मान्यता एवं परम्परा आज भी विद्यमान हैं। भारत ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में हमेशा से मजबूत रहा है। आज युवा पीढ़ी को अपनी मातृभूमि के गौरव एवं उपलब्धियों पर गर्व करना चाहिए। युवा विद्यार्थी भारत के भावी कर्णधार हैं, जो स्वामी विवेकानंद के सपनों के भारत के शिल्पकार है। भारत को आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक सर्व-शक्तिशाली, सर्व-संपन्न और जगतगुरु बनाने के लिये देश के पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी युवा पीढ़ी पर है।

राज्य मंत्री परमार ने राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन कर विद्यार्थियों में मनोबल, उत्साह एवं ऊर्जा का संचार किया। आयुक्त लोक शिक्षण अभय वर्मा, कुलाधिपति एलएनसीटी विश्वविद्यालय जय नारायण चौकसे एवं राष्ट्रीय नव प्रवर्तन प्रतिष्ठान भारत सरकार के प्रतिनिधि पार्थ दवे सहित अन्य अधिकारी, शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

 

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