कमलनाथ सरकार के दौरान भ्रष्टाचार का लोकव्यापीकरण : CM शिवराज

भोपाल

विधानसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने जवाब में जबदरस्त पलटवार किया। उन्होंने कहा कि ऐसा लचर अविश्वास प्रस्ताव कभी नहीं देखा। विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ सरकार के दौरान भ्रष्टाचार का लोकव्यापीकरण था।

मध्यप्रदेश में 2003 तक कांग्रेस की सरकार की सरकार रही है, लेकिन कमलनाथ सरकार के दौरान प्रदेश के इतिहास में पहली कलेक्टर और एसपी की पोस्टिंग के लिए पैसे लिए। मुख्यमंत्री ने चर्चा के जवाब में कहा कि कमलनाथ सरकार में आदिवासियों और गरीबों की योजनाएं बंद कर दी गई। इस पर सदन में हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि यदि सरकार के पास कोई आदेश है तो उसे पटल पर रखा जाए। सज्जन सिंह वर्मा ने उनका समर्थन किया। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों को हिदायत दी कि जब सदन के नेता बोल रहे हों तब किसी सदस्य को इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देते हुए कमलनाथ की 15 माह की सरकार के कार्यकाल को लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कमलनाथ की सरकार में भ्रष्टाचार का लोकव्यापी करण कर दिया गया था। कलेक्टर-एसपी की पोस्टिंग में बोली लगाकर पैसे लिए जाते थे। अगर एक की पोस्टिंग हो जाए और दूसरा अधिक पैसे दे दे तो पहले वाले की पोस्टिंग बदल दी जाती थी। कलेक्टर, एसपी की पोस्टिंग में इतना अधिक करप्शन तो कांग्रेस की 2003 के पहले की सरकार में भी नहीं था।

विधानसभा में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने 15 माह में 450 आईएएस, आईपीएस के तबादले किए। इस दौरान 15 हजार ट्रांसफर हुए और इसके बदले वसूले गए पैसे आईटी छापे में बरामद हुए जिसका आडियो भी वायरल हुआ था और कोई चाहे तो वे सुना भी सकते हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की विषबेल ऐसी फैली थी कि दतिया में तीन-तीन कलेक्टर पदस्थ कर दिए गए जिसकी लोकायुक्त में जांच भी चल रही है। उन्होंने कहा बल्लभ भवन दलालों का अड्डा बन गया था। नाथ की सरकार में ठेके होने के बाद शर्तें बदल दी जाती थीं।

ठेकेदारों को आओ-आओ और विधायकों को चलो-चलो कहते थे।  मंत्री गोपाल भार्गव ने इस दौरान कहा कि मोंटाना कम्पनी को 1350 करोड़ रुपए काम बगैर दिए गए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 877.57 करोड़ रुपए का भुगतान ठेकेदारों को काम हुए बगैर किया गया। छिंदवाड़ा काम्प्लेक्स में दो हजार करोड़ रुपए एडवांस दिए गए। एक सिंचाई परियोजना की 8 निविदा बुलाई गई। बाद में उसकी शर्तें बदली गईं। जब भाजपा की सरकार आई तो इन कमियों को ठीक किया गया।

पीएस रस्तोगी को महिला का इलाज कराने के निर्देश
विधायक ओमकार सिंह मरकाम द्वारा अपने क्षेत्र की महिला का उपचार नहीं करा पाने का जिक्र कल अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए किया था। इस पर सीएम चौहान ने सदन में भाषण देने के दौरान ही प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री मनीष रस्तोगी को निर्देशित किया कि संबंधित महिला का पूरा इलाज कराने की व्यवस्था करें। इसके लिए कलेक्टर से बात करें। सीएम चौहान ने कहा कि जरूरतमंदों को इलाज के लिए पैसे देने में किसी तरह की लापरवाही नहीं की जाएगी।

सरकार जाने के 15 मिनट पहले 63 करोड़ का मोबाइल सौदा
सीएम चौहान ने सदन में कहा कि कमलनाथ सरकार जाने के 15 मिनट पहले आंगनबाड़ी केंद्रों में सप्लाई किए जाने वाले 63 करोड़ रुपए के मोबाइल का सौदा किया गया। इतना ही नहीं कृषि उपकरण खरीदी और आईफा अवार्ड में भी घोटाला किया गया जिसके आडियो उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार में बीजेपी के नरोत्तम मिश्रा, संजय पाठक, भूपेंद्र सिंह, विश्वास सारंग, विजय शाह को प्रताड़ित करने केस दर्ज किए गए।

कमलनाथ नहीं पर हम मौजूद हैं
सदन में कमलनाथ की गैरमौजूदगी पर तंज करते हुए सीएम ने कहा कि हम सदन में हैं, लेकिन कमलनाथ जी नहीं हैं। सीएम ने कहा कांग्रेस की सरकार उनके अहंकार से गिरी।

पटवारी ने कहा… अगर आदेश है तो पटल पर रखें

सीएम चौहान ने अपनी पूर्ववर्ती सरकार के दौरान शुरू की गई योजनाएं बंद करने का आरोप कमलनाथ सरकार पर लगाते हुए कहा कि सहरिया, बैगा जाति के लोगों को एक हजार रुपए पोषण भत्ता दिया जाता था जो नाथ सरकार ने बंद कर दिया। कांग्रेस ने गरीबों की योजनाएं बंद करने का पाप अपने कार्यकाल में किया है जिसे अब हमने शुरू किया है। इस पर विधायक सज्जन वर्मा और सुखदेव पांसे ने विरोध किया और प्रमाण मांगे तो सीएम चौहान ने कहा कि सब उपलब्ध है।

सीएम के भाषण के दौरान कांग्रेस विधायकों की टोकाटाकी के बीच संबल योजना बंद किए जाने और मेधावी छात्र योजना में विद्यार्थियों को लैपटाप का पैसा नहीं दिए जाने का जिक्र सीएम चौहान ने किया। सीएम ने पंच परमेश्वर योजना, फसल बीमा योजना बंद करने और इसका पैसा नहीं दिए जाने की बात भी कही तो विधायक जीतू पटवारी ने विरोध किया और कहा कि सीएम प्रमाण दें। इस पर मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने पाइंट आफ आर्डर की बात उठाई और कहा कि हमने 12 घंटे से अधिक समय तक इनके आरोपों को धैर्य से सुना है।

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