नई शिक्षा नीति: BU दो विषयों की जगह चार विषयों में लेगा सप्लीमेंट्री एग्जाम

भोपाल
नई शिक्षा नीति ने विद्यार्थियों की नींव को कमजोर करना शुरू कर दिया है। क्योंकि अब विद्यार्थियों को दो विषयों की जगह चार विषयों में सप्लीमेंट्री एग्जाम देना होगा। जबकि पूर्व में विद्यार्थियों को दो विषयों में ही सप्लीमेंट्री दी जाती थी। इससे तरह से उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय प्रथम वर्ष की सप्लीमेंट्री एग्जाम 15 फरवरी से लेना शुरू करेगा। जिन विद्यार्थियों को चार विषयों में 20 क्रेडिट से कम प्राप्त हुई हैं। उन्हें 30 जनवरी तक आवेदन करना होंगे। नई शिक्षा नीति के तहत 20 से कम क्रेडिट प्राप्त हुई है, वे विद्यार्थी सप्लीमेंट्री एग्जाम देंगे। बीयू ने करीब 20 हजार विद्यार्थियों के डाटा का परीक्षण कर लिया है। उन्हें 15 फरवरी से सप्लीमेंट्री एग्जाम में शामिल होना पडेÞगा।

गत वर्ष हुई थे एग्जाम
बीयू ने गत वर्ष मार्च-अप्रैल में सवा लाख विद्यार्थियों की बीए, बीकॉम, बीएससी की परीक्षा ली थीं। रिजल्ट में करीब 20 हजार विद्यार्थियों की प्रोविजनल ग्रेड-शीट में शून्य लिखा है।

वहीं, कुछ विद्यार्थियों ने 20 क्रेडिट अंक तो हांसिल किए हैं,  ग्रेड शीट में कुछ विषय में आगे ए या एस लिखा हुआ है। इससे तीन माह तक असमंजय की स्थिति बनी रही। उच्च शिक्षा विभाग ने नई शिक्षा नीति को स्पष्ट करते हुए चार विषयों में 20-20 क्रेडिट नहीं मिलने पर सप्लीमेंट्री कराने के आदेश जारी किए हैं। इसके तहत बीयू ने 15 फरवरी से सप्लीमेंट्री एग्जाम कराने का निर्णय लिया है।

नींव हो रही खोखली
शिक्षाविदों का कहना है कि नई शिक्षा नीति से विद्यार्थियों की नींव को खोखला किया जा रहा है। पूर्व में विद्यार्थियों को दो विषयों में सप्लीमेंट्री दी जाती थी। फेल होने के भय से विद्यार्थी पढ़ाई में लगे रहते थे। अब उन्हें चार विषयों में सप्लीमेंट्री देकर उनका ध्यान पढ़ाई से भटकाया जा रहा है। इससे उनके भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगना तय है।

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