ऊर्जा का खर्च जहां भी जरूरत हो वही कर, ऊर्जा की बबार्दी को रोकना चाहिए : आलोक कुमार

बिलासपुर

कहते है ऊर्जा की बचत ही ऊर्जा की बढ़त है इसलिए ऊर्जा का संरक्षण बहुत ही जरूरी है। रेलवे एक विशाल संगठन होने के नाते यहां ऊर्जा का इस्तेमाल एक बड़े स्तर पर किया जाता है। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि ऊर्जा कि खपत संतुलित रूप से कि जाए एवं जहां आवश्यक हो वहां ऊर्जा कि बचत भी की जाए। वर्तमान परिदृश्य में ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया में पर्यावरण को भी काफी नुकसान हो रहा है एवं आज पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को दूर करने के नये-नये उपाय ढूंढ रहा है। इसी कारण रेलवे जैसे वृहद संगठनो में भी ऊर्जा संरक्षण एवं गैर परंपरागत ऊर्जा के स्त्रोतों का अधिकाधिक उपयोग जरूरी हो गया है।

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण सप्ताह के अवसर पर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में विद्युत विभाग के द्वारा दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय में एक बेहतर कल के लिए आज ऊर्जा बचाएं विषय पर एक सेमीनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में श्री आलोक कुमार, महाप्रबंधक ने अपने सम्बोधन में कहा कि ऊर्जा की बचत ही ऊर्जा का उत्पादन है। ऊर्जा का खर्च समान रूप से अर्थात जहां भी जरूरत हो वही करना चाहिए तथा इसकी व्यर्थ बबार्दी को रोकना चाहिए। इस सेमिनार में गैर परम्परागत स्रोतों द्वारा ऊर्जा संरक्षण के उपकरणों एवं उपायों की जानकारी दी गई। इस अवसर पर अधिकारीगण एवं कर्मचारी भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण सप्ताह के दौरान तीनों मंडलो सहित पूरे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में ऊर्जा संरक्षण जागरूकता से संबन्धित अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए गए। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ऊर्जा के संरक्षण के मामले में प्रारंभ से ही आदर्श रहा है। गैर-परंपरागत ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों में सौर ऊर्जा एक सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। गैर-परंपरागत श्रोतों से ऊर्जा उपलव्ध कराने एवं ऊर्जा संरक्षण की दिशा में बेहतर योगदान के तहत पूरे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में अनेकों जगह सोलर पावर प्लांट के निर्माण किए गये है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में अब तक 5.3 मेगावाट क्षमता की सोलर प्लांट की स्थापना की गयी है। इसके साथ ही साथ प्राकृतिक ऊर्जा के संसाधनों का भरपुर उपयोग के लिए रेलवे हास्पिटल, रनिंग रुम, ट्रेनिंग स्कूल एवं अनेको लेवल क्रासिंगों में सौर उर्जा पैनल लगाये गए हैं। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के भिलाई में 50 मेगा वाट का सोलर पॉवर प्लांट का निर्माण जल्द ही पूर्ण हो जाएगा, यह इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारे 48 स्टेशनों में सौर ऊर्जा प्लांट लगा हुआ है। वर्तमान वित्तीय वर्ष के अप्रैल से नवंबर तक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में सौर ऊर्जा से 50 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन किया गया है। इसके साथ ही साथ दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा यात्री सुविधा, ऊर्जा संरक्षण एवं पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव की दृष्टि से पूरे जोन के सभी स्टेशनों एवं कार्यालयों, कारखानों, वर्कशापों में जहां चौबीसों घंटे काम चलता है तथा रेलवे कालोनियों में प्रकाश व्यवस्था के लिए 100 प्रतिशत एलईडी लाईट से प्रकाश की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है।

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